लालिमा बिखेरता सूरज – डा.मधु आंधीवाल

Post Views: 5 आज इस सयुंक्त परिवार में जैसे हंसी को लकवा लग गया हो जहां पूरे समय हंसी के ठहाके बाहर तक सुनाई देते हो वहां ये सन्नाटा अजीब लग रहा था । लाला जी  अपनी पत्नी ,पांच बेटों ,चार बहुयें व नाती पोतों के साथ रहते थे । बहुत बड़ा व्यापार था । … Continue reading लालिमा बिखेरता सूरज – डा.मधु आंधीवाल