लग्न भ्रष्टा – सुधा शर्मा

आते ही शिवनाथ बोले,”क्या बात है इतनी जल्दी में क्यों बुलाया? तबियत तो ठीक है? ”  ‘जल्दी ही तो है समय ही तो नहीं है ‘मन मे कहा गौरी ने।बोली,” सब ठीक है ।आज आप को खाना खिलाने का बहुत मन था।बैठो न।आज मैंने सब कुछ आपकी पसंद का बनाया है ।’ कितना सकूँ मिलता … Continue reading लग्न भ्रष्टा – सुधा शर्मा