लघुसंगिनी” एक बूंद चाहत – रीमा महेंद्र ठाकुर
Post View 2,648 मम्मी जी “” मम्मी जी””” अवन्तिका के कानो में मधुर स्वर सुनायी दिया “” अवन्तिका ने आंखे खोलने की कोशिश की “” पर ताप की अधिकता के कारण आंखे न खोल सकी “ अवन्तिका “”” कौन”” कोमल हाथो ने उसके माथे को स्पर्श किया ” उस छुअन में कुछ नये अहसास की … Continue reading लघुसंगिनी” एक बूंद चाहत – रीमा महेंद्र ठाकुर
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