लघुसंगिनी”  एक बूंद चाहत – रीमा महेंद्र ठाकुर

Post Views: 112 मम्मी जी “” मम्मी जी”””  अवन्तिका  के कानो में मधुर स्वर सुनायी दिया “” अवन्तिका ने आंखे खोलने की कोशिश की “” पर ताप की अधिकता के कारण आंखे न खोल सकी “ अवन्तिका “”” कौन””  कोमल हाथो ने उसके माथे को स्पर्श किया ”  उस छुअन में कुछ नये अहसास की … Continue reading लघुसंगिनी”  एक बूंद चाहत – रीमा महेंद्र ठाकुर