लाड़ो – कमलेश राणा 

Post View 3,261 जानकी को प्रसव पीड़ा हो रही थी,, मानव ,,मानव ,,जल्दी कार निकालो,,जानकी को दर्द हो रहे हैं,,अभी हॉस्पीटल ले जाना पड़ेगा,, अभी निकालता हूँ,,माँ,, राधिका बेचैन हो रही थी,,बहू का दर्द उससे देखा नहीं जा रहा था,,साथ ही उसकी आँखो में डर भी था बेटी पैदा होने का,, उसे रह- रह कर … Continue reading लाड़ो – कमलेश राणा