लाल गुलाब – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

Post Views: 8 फरवरी महीना उफ्फ यादों की डायरी में मुरझाया सा सूखा सा वो लाल गुलाब न जाने क्यों सुर्ख अधखिला गुलाब बन मेरी आंखों के सामने झूमने लगता है… और दिल फिर वही अठारह साल की अल्हड़ नव यौवना सा चहक उठता है…                     स्कूल से निकल कर कॉलेज की दहलीज पर पहला दिन … Continue reading लाल गुलाब – वीणा सिंह : Moral stories in hindi