कुटील चाल (भाग-3) – अविनाश स आठल्ये : Moral stories in hindi

Post Views: 7 दूसरे दिन जब भास्कर राव त्रिवेदी पत्नी सुलक्षणा के साथ, वीरेश्वर मिश्रा से अपने घर दिल्ली में वापस जाने की इजाज़त मांगने के लिए उनके कमरे में गए, तो देखा कि वीरेश्वर मिश्रा अभी-अभी आए एक टेलीग्राम को पढ़ रहे थे। उनकी आँखों में आँसू देखकर किसी अनहोनी कि आशंका से भास्कर … Continue reading कुटील चाल (भाग-3) – अविनाश स आठल्ये : Moral stories in hindi