कुछ ख्वाब अधूरे से.. – रीटा मक्कड़

Post View 9,268 अपने दौर की हर लड़की की तरह मैंने भी बहुत से सपने, बहुत से ख्वाब खुली आँखों से देखे थे…जो बस ख्वाब ही रहे उनको पंख कभी नही मिले। उम्र के इस पड़ाव पर आकर भी लगता है ..मन का एक कोना अभी भी खाली है..कुछ है जो अधूरा रह गया है..कुछ … Continue reading कुछ ख्वाब अधूरे से.. – रीटा मक्कड़