कुछ गुनाहों का प्रायश्चित नहीं होता – पूजा दत्ता : Moral Stories in Hindi
Post View 1,226 सारा काम ख़त्म करके चाय का कप लेकर बालकनी में बैठी ही थी कि दरवाज़े की घंटी बजी… इस समय कौन आया होगा, सोचती हुई गेट पर गई तो मेरी बचपन की सहेली सुमेधा सामने खड़ी थी। “अरे सुमेधा, तुम… आओ ना… कितने दिन बाद आई हो…” उसे बिठाकर मैं उसके लिए … Continue reading कुछ गुनाहों का प्रायश्चित नहीं होता – पूजा दत्ता : Moral Stories in Hindi
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