कुछ गुनाहों का प्रायश्चित नहीं होता – पूजा दत्ता : Moral Stories in Hindi

Post Views: 9 सारा काम ख़त्म करके चाय का कप लेकर बालकनी में बैठी ही थी कि दरवाज़े की घंटी बजी… इस समय कौन आया होगा, सोचती हुई गेट पर गई तो मेरी बचपन की सहेली सुमेधा सामने खड़ी थी। “अरे सुमेधा, तुम… आओ ना… कितने दिन बाद आई हो…” उसे बिठाकर मैं उसके लिए … Continue reading कुछ गुनाहों का प्रायश्चित नहीं होता – पूजा दत्ता : Moral Stories in Hindi