कुछ घाव वक्त भी नही भरता – संगीता अग्रवाल 

Post View 148 “स्नेहा कहां हो तुम …स्नेहा …!” निकुंज अपनी पत्नी को आवाज लगाता हुआ घर में दाखिल हुआ। ” लो तुम यहां बैठी जाने कहां गुम हो और मैं तुम्हे घर भर में ढूंढ रहा हूं !” निकुंज पत्नी को बालकनी में गुमसुम बैठे देख बोला। ” आ गए आप … मैं चाय … Continue reading कुछ घाव वक्त भी नही भरता – संगीता अग्रवाल