कृतज्ञता! – कुसुम अशोक सुराणा : Moral Stories in Hindi

Post View 637 “मन्या! दो कप चाय लाओ! साथ में गर्म नाश्ता” बच्चू जोर से चिल्लाया! उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उसकी प्रिय शिक्षिका वझे बाई (तब मैडम कहने का चलन नहीं था) उस के सामने खड़ी है! वह तपाक से उठा और उसने उनके पैर छुएँ और उन्हें कुर्सी पर बैठने … Continue reading कृतज्ञता! – कुसुम अशोक सुराणा : Moral Stories in Hindi