कृष्णा ,तुम्हे आना होगा – नम्रता सरन “सोना”
Post View 652 नारी, जो माँ है बहन है,बेटी है, छलनी हुए आँचल में मुँह दबा रोतीं है . द्रौपदी , तुम तो भाग्यवान थीं तुम्हे कृष्ण मिले , दुर्योधन तो तब भी थे . हम किसे पुकारें बिखरी पड़ी यहाँ वहाँ अस्मिता हमारी , घायल तन ,और द्रवित मन लिए तार-तार हुई … Continue reading कृष्णा ,तुम्हे आना होगा – नम्रता सरन “सोना”
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