Post Views: 7 अक्षरा, तुम्हारे जाने के बाद बहुत अकेला हो गया हूँ। तुम क्या गयी जैसे……जिंदगी ही चली गयी। सच है, जब तक तुम करीब थी, तुम्हारी अहमियत नही समझ पाया । बहुत लड़ा हूँ अपने अपने अहम से, अब थक गया हुं अक्षरा । मैं नही जानता मैं इस योग्य हुं कि नही, … Continue reading कोमल मन – भगवती सक्सेना गौड़
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