किस्मत का करिश्मा – मुकुन्द लाल : Moral stories in hindi

Post Views: 1 देवांश अपनी शिक्षा-दीक्षा पूरी करने के बाद रोज़ी-रोटी के लिए प्रयत्न करने लगा। लम्बा-चौड़ा सुगठित बदन और मजबूत कद-काठी होने के कारण उसने सिपाही और दरोगा की नौकरी के लिए प्रयास शुरू कर दिया, किन्तु कभी वह फिजीकल में छट जाता तो कभी लिखित परीक्षा में। इस तरह उसकी आकांक्षा पूरी नहीं … Continue reading किस्मत का करिश्मा – मुकुन्द लाल : Moral stories in hindi