किसकी गलती? – गीता चौबे गूँज

Post Views: 7 “ज्योति से ज्योति जगाते चलो, प्रेम की गंगा बहाते चलो। राह में आए जो दीन-दुःखी, सबको गले से लगाते चलो।।” …आज रेडियो से बजते इस गाने का मतलब नहीं समझ पा रही थी अवनि। एक वह दिन था, जब इस गाने ने उसका वजूद बदल दिया था और आज इस गाने को … Continue reading किसकी गलती? – गीता चौबे गूँज