किराने की दुकान -नेकराम Moral Stories in Hindi

Post Views: 20 नेकराम मेरी बात सुन मैं सोच रही हूं एक किराने की दुकान खोल लूं फिर हमें धनिया मिर्च मसाले बाजार से नहीं खरीदने पड़ेंगे चीनी और चाय की पत्ती भी आजकल बहुत महंगी हो गई है दाल बेसन आटा साबुन कोलगेट सभी सामानों पर हर साल एक या दो रूपया दुकानदार बढ़ा … Continue reading किराने की दुकान -नेकराम Moral Stories in Hindi