Post View 288 शाम के साथ ही जैसे डूबते सूरज के साथ ही मन भी डूबने लगा था , रात की गहराती स्याही उतरने लगती थी चेतना में ।बरामदे में गौरी पिछले कुछ समय में घटी घटनाओं की त्रासदी में डूबने लगी थी। कितना प्यारा भरा पूरा परिवार ।बेटा , बहू, सात वर्ष की चहचहाती … Continue reading खुशी – सुधा शर्मा
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