खुशी के आँसू! – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

Post View 993 “बेटी के मोह में सही-गलत का फर्क भूल गई थी” समाज तो यही कहता था उसे। पर आज सबकुछ सिर्फ सही हुआ है।  अतीत में डूबती चली गई आँसू। न जाने क्या सोचकर माँ-बाप ने नाम आँसू रखा था। माँ बाप की दूसरी बेटी थी, शायद बेटे की चाह होगी,…और हो गयी … Continue reading खुशी के आँसू! – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi