Post Views: 5 जिया अब 16 वर्ष की हो गई थी। उसका इस तरह से अल्हड़ पन, उछलते, कूदते पूरे घर में घूमना दादी को बिल्कुल भी पसंद नहीं था। वे बार-बार कहती जिया कुछ घर का काम भी किया करो। अगले घर जाकर नाम बदनाम करोगी। जिया हंसी में उड़ा देती। अरे !नहीं अम्मा … Continue reading ‘खुद पर भरोसा’ – अनीता चेची
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