‘खुद पर भरोसा’ – अनीता चेची

Post View 505 जिया अब 16 वर्ष की हो गई थी। उसका इस तरह से  अल्हड़ पन, उछलते, कूदते पूरे घर में घूमना दादी को बिल्कुल भी पसंद नहीं था।  वे बार-बार  कहती जिया कुछ घर का काम भी किया करो। अगले घर जाकर नाम बदनाम करोगी।  जिया हंसी में उड़ा देती।  अरे !नहीं अम्मा … Continue reading ‘खुद पर भरोसा’ – अनीता चेची