खिलाफ – मनीषा सिंह : Moral stories in hindi
Post View 72,041 “मां ” खाने को कुछ दो ना, बहुत जोरों की भूख लगी है। ‘ सुबह से शाम ‘ हो गई अब तक तुमने—- खाने को कुछ भी नहीं दिया। चार साल की शालू यह कहते हुए फफक -फफक के रोने लगी । ” हां बेटा! बस थोड़ी देर और इंतजार कर ले, … Continue reading खिलाफ – मनीषा सिंह : Moral stories in hindi
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