खिचड़ी-दलिया—कहानी-देवेन्द्र कुमार

यह आज पाँचवीं बार था जब पापा ने अजीत को मना किया था। कई दिन से अजीत देख रहा है कि जब भी वह घूमने जाने की बात कहता है, पापा मना कर देते हैं। कह देते हैं, “फिर चलेंगे। आज समय नहीं है।” अजीत माँ की ओर देखता है तो वह भी कह देती … Continue reading खिचड़ी-दलिया—कहानी-देवेन्द्र कुमार