Post View 265 कुमुद ने भी अपने पिता की मर्ज़ी के आगे सर झुका दिया था । लड़के वाले आये थे देखने । लड़का देखने में सुँदर पढ़ा लिखा था , परिवार भी संपन्न था । परिवार से भी उसकी मम्मी की पुरानी पहचान निकल आई थी। लड़के की भाभी कुमुद के मम्मी को जानती … Continue reading ख़त – अनु मित्तल ‘इंदु ‘
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