Post View 4,099 जब भी आधी रात को बिस्तर पे में करवट बदलता हूँ, तब मेरी नज़र सावित्री की जग़ह पे जाके रुक सी जाती है, क्यूंँकि आज वो जगह खाली है। सुबह जिसके साथ में मंदिर जाया करता था, घर आकर चाय – नास्ता करता था, कल जो रातो को मेरा सिर दबाया करती … Continue reading ख़ाली जगह – बेला पुनीवाला
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