कौन घर परिवार के झंझट में पड़े – चाँदनी झा
Post View 706 देखो संध्या, यहां पूछ-पूछ कर सब काम करती रहोगी, तो बस जिंदगी भर पूछते रह जाओगी। मेरी बात मानो, जो मन में आए करो, और देवर जी से भी कहो, वो अच्छा कमाते हैं, तुम्हें अपने साथ रखे। मंजू, संध्या की जेठानी, संध्या को समझा रही थी। हां जीजी, पर….पर-वर कुछ नहीं, … Continue reading कौन घर परिवार के झंझट में पड़े – चाँदनी झा
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