Post View 3,086 बहुत ही सुहानी सुबह थी I गुनगुनी धूप निखरी थी l पंछी चाह- चाहा रहे थे l जसबीर रोज की तरह प्रातः भ्रमण के लिए घर से निकला घर समुंदर के पास था,और वहां बहुत ही खूबसूरत पार्क था l जहां सुबह-सुबह लोग टहलने आते थे l जसबीर भी पार्क में चक्कर … Continue reading कस्तूरी ” – रणजीत सिंह भाटिया
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