काश मेरी कोई औलाद ही नहीं होती – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

Post View 263,745 अभी भी रमा बुत बनी वैसे ही भीगी बैठी हुई थी,बदन थर-थर काँप रहा था पर उसे होश ही नहीं था छत से नीचे चली जाए, जाने कब बारिश शुरू हो गई थी और वो ख़्यालों में ही खोई हुई थी,अभी भी ठंडी हवाएँ चल रही थी पर बारिश थम चुकी थी,तभी … Continue reading काश मेरी कोई औलाद ही नहीं होती – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi