काश ! माँ बाबूजी ज़िन्दा होते – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

Post Views: 58 Moral Stories in Hindi : दरवाज़े पर लगी घंटी बजी… सुनते ही रसोई में काम करती प्रज्ञा ने ननद राशि को दरवाज़ा खोलने को कहा जो वही सोफे पर बैठ मजे से टीवी देख रही थी । “ क्या भाभी मेरा इतना अच्छा प्रोग्राम चल रहा है और…. ।” भुनभुनाती हुई राशि … Continue reading काश ! माँ बाबूजी ज़िन्दा होते – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi