कापुरूष (भाग -2) – माता प्रसाद दुबे : Short Moral Stories in Hindi

Post View 1,668 “कामिनी मुस्कुराते हुए बोली।” मैं ठीक कह रहा हूं, कुछ गड़बड़ी हुई है, जिसमें मेरा भी नाम आया है, मुझे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है?”सत्य प्रकाश जी चिन्तित होते हुए बोले।”जो आदमी एक मच्छर तक नहीं मार सकता,वह भला गड़बड़ क्या करेगा,वह तो मैं ही हूं जो इतनी हिम्मत … Continue reading कापुरूष (भाग -2) – माता प्रसाद दुबे : Short Moral Stories in Hindi