कलकतही (कहानी) – डॉ उर्मिला सिन्हा
Post View 5,390 चूड़ियां सुहाग का प्रतीक। सुहागिनों की पहली पसंद।कुंआंरियों का सुनहरा भविष्य। मैं जब भी चूड़ियां खरीदने चूड़ी के दुकान पर आती हूं , मेरे मानस पटल में बचपन की एक धुंधली सी तस्वीर उभर आती है—कलकतही की। कलकतही कोई और नहीं बल्कि एक चूडीहारिन थी।उसका छोटा सा टोकरा हरी,लाल,नीली,पीली,प्लेन और कामदार चूड़ियों … Continue reading कलकतही (कहानी) – डॉ उर्मिला सिन्हा
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