‘कैसे स्वीकार करूँ?’ –  विभा गुप्ता

Post Views: 2 ” शालू, ये तूने क्या किया? मेरे प्यार में कहाँ कमी रह गई थी जो तूने मेरे साथ इतना बड़ा छल किया।तुझे बेवफ़ा कहूँ तो उसे क्या कहूँ जो दोस्त के रूप में आस्तीन का साँप निकला।धिक्कार है!…। ” कहते हुए विकास ने अपने हाथ में ली व्हिस्की की बोतल को उस … Continue reading ‘कैसे स्वीकार करूँ?’ –  विभा गुप्ता