काई –  दिव्या शर्मा | Hindi Kahaniya

Post Views: 4 “कहाँ  खोई हो अपेक्षा?” “इन तितलियों में।”गार्डन में फूलों पर मंडराती तितलियों की ओर इशारा कर अपेक्षा ने जवाब दिया। “बहुत सुंदर हैं।”श्रुति ने तितलियों को निहारते हुए कहा। “यह कितनी स्वतंत्र है ना!बेखौफ उन्मुक्त और खिलखिलाती।”अपेक्षा ने कहा। “हाँ….बिल्कुल हम स्त्रियों की तरह ना!” “स्त्रियों की तरह!!क्या बोल रही हो श्रुति! … Continue reading  काई –  दिव्या शर्मा | Hindi Kahaniya