कहीं आप के भी तो दो चेहरे नहीं? – भाविनी केतन उपाध्याय

Post View 968 ” ला दे रितु, मैं बाकी की रोटियां सेंक लेती हूॅं जाकर अपने कमरे में आराम कर…. सुबह से लगी है काम में थक गई होगी ” काव्या ने प्यार और अपनेपन से अपनी देवरानी से कहा। ” नहीं दीदी,बस आठ दस रोटियां ही सेंकने की बाकी है मैं कर लूंगी, वैसे … Continue reading कहीं आप के भी तो दो चेहरे नहीं? – भाविनी केतन उपाध्याय