कच्चे धागे से बुने रिश्ते – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

Post Views: 11 सुनो अखिल! अब तुम्हें मेरा हालचाल पूछने के लिए आने की जरूरत नहीं है, तुम्हारे पापा है मुझे सम्हालने के लिए। जब हमें तुम्हारी जरूरत थी, तब तुम्हे नहीं लगा कि यहां होना चाहिए तुम्हें, तो अब रोज यूँ आकर दिखावा मत करो। अखिल ने कुछ कहना चाहा, पर माँ ने चादर … Continue reading कच्चे धागे से बुने रिश्ते – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi