कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–5) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi

Post Views: 79 एक बार तो नवल के प्राण जैसे हलक से बाहर ही आ गया हो नवल को काटो तो खून नहीं मुझे माफ कर दो… मुझसे गलती हो गई मेरी नजरों से ओझल हो जाओ वर्ना तुम्हारे लिए ठीक नहीं होगा नवल को जैसे एहसास हो गया हो की ये राधिका हो ही … Continue reading कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–5) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi