कभी धूप तो कभी छांव सी दोस्ती – सुल्ताना खातून
Post View 1,141 आज जब दुनिया के रंगीनियों से अलग थलग होकर एक घर में कैद हुई हूं, तो दोस्त बड़े याद आते हैं… बचपन के गली मोहल्ले वाले दोस्त… स्कूल के दोस्त…. कॉलेज के दोस्त… ऑफिस के दोस्त। दरअसल दोस्तों की भी कैटेगरी होती है ना! स्कूल गए, गली मुहल्ले की दोस्ती छूटी! कॉलेज … Continue reading कभी धूप तो कभी छांव सी दोस्ती – सुल्ताना खातून
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