जीवन का सवेरा (भाग – 2) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

Post Views: 9 आरुणि शीशे से रोहित को जाता हुआ देखती हुई बुदबुदाती है, “कन्फ्यूजड है ये बंदा। महादेव की इच्छा हुई कि इसका दिमाग संतुलित हो जाए तो फिर से यही भेज देंगे.. आरुणि कैफे.. आरुणि से मिलवाने”…जी हाँ.. बिल्कुल सही सुना आपने.. ये आरुणि का कैफे है… इसीलिए वो हमेशा यहाँ मिलती है। … Continue reading जीवन का सवेरा (भाग – 2) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi