जीवन का सच – संगीता त्रिपाठी  : Moral Stories in Hindi

Post View 9,900  हर माँ की तरह माला को भी अपने बच्चों पर बहुत गर्व था। प्रभात जी से झगड़ा होने पर अक्सर इतरा कर बोलती, “मेरे बच्चे अपने पैरों पर खड़े हो जायेंगे तो मैं उनके साथ रहूंगी आपके साथ नहीं “ प्रभात जी बोलते,”देखता हूँ तुम्हारे बच्चे कितना करते है “   सुनते ही … Continue reading जीवन का सच – संगीता त्रिपाठी  : Moral Stories in Hindi