जितनी चादर हो पैर उतने ही फैलायें : Moral stories in hindi

Post View 4,276  किटी पार्टी अपने पूरे शबाब पर थी। जहां लगभग तीस महिलाएँ लक दक सुन्दर – सुन्दर साडीयाँ पहने एक से बढ़ कर एक आभूषण धारण किये उन्हें देख ऐसा लग रहा था जैसे कि  साडीयों और आभूषणों की कोई प्रतियोगिता हो रही हो जिसमें सब प्रदर्शन करने आईं हों ।मेजबान छवी जी  … Continue reading जितनी चादर हो पैर उतने ही फैलायें : Moral stories in hindi