ज़िम्मेदारी का एहसास – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
Post View 62,450 ” अरे सिम्मी बुआ आप! आप कब आईं?” कहते हुए काजल ने अपना बैग सोफ़े पर रखकर बुआ को प्रणाम किया और अपनी मम्मी सुनयना से बोली,” मम्मी…बहुत थक गई हूँ।एक कप चाय…।” कहते हुए वह अपने कमरे में जाने लगी तो सिम्मी बुआ आश्चर्य-से बोली, ” काजल तू यहाँ…तुझे तो अपने … Continue reading ज़िम्मेदारी का एहसास – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
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