“जी भैया जी” – जयसिंह भारद्वाज

Post Views: 2 मकान मालकिन चाची जी से कहते कहते थक गए किन्तु पिछले दस सालों से जब कमरों की पुताई नहीं की गई तो अमृता ने सुझाव दिया कि जब हम रह ही रहे हैं तो क्यों न हम अपने ही पैसों से कमरों की पुताई करा लें! बीस-पच्चीस हजार के अतिरिक्त खर्च को … Continue reading  “जी भैया जी” – जयसिंह भारद्वाज