झूमका – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi
Post View 43,227 क्या बात है छोटी …जब से दिल्ली से आई है खोई- खोई रहती है अपने आप हँसती है…… मुस्कुराती है…. और बार-बार ये अपने कान के झुमके को क्यों छु कर शरमा जाती है…..I तू तो खेलने गई थी ना दिल्ली , कौन सा खेल ……खेल के आ रही है कहीं दिल … Continue reading झूमका – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi
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