झोला – विनय कुमार मिश्रा

Post View 343 आज साफ सफाई में आलमारी से बाउजी का वही पुराना झोला मिला जो वे अपने साथ दफ्तर ले जाते थे। कुछ चिठ्ठियां थीं जो नाना, नानी, दादाजी, और माँ की लिखी हुई और कुछ डायरी के पन्ने, जो उनके पुराने हिसाब किताब के थे। उन पन्नों में दो चार आने से लेकर … Continue reading  झोला – विनय कुमार मिश्रा