झोला – विनय कुमार मिश्रा

Post Views: 9 आज साफ सफाई में आलमारी से बाउजी का वही पुराना झोला मिला जो वे अपने साथ दफ्तर ले जाते थे। कुछ चिठ्ठियां थीं जो नाना, नानी, दादाजी, और माँ की लिखी हुई और कुछ डायरी के पन्ने, जो उनके पुराने हिसाब किताब के थे। उन पन्नों में दो चार आने से लेकर … Continue reading  झोला – विनय कुमार मिश्रा