जीवन की सांझ – रचना कंडवाल : Moral Stories in Hindi

सुनो मैं आपसे कुछ कहना चाहती हूं। क्या है? कोई और काम नहीं है।हर समय मुंह चलाने के अलावा आनंद जी ने न्यूज पेपर में सिर घुसाये हुए चिड़चिड़ा कर कहा फिर पेपर में और गहराई तक सिर घुसा लिया। मीरा रूआंसी हो गई। धम्म से सोफे पर बैठ गई और सोच में डूब गई। … Continue reading जीवन की सांझ – रचना कंडवाल : Moral Stories in Hindi