जीवन है अगर ज़हर – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi

Post Views: 29 किसी गहरी सोच में डूबी सी प्रतिभा देशपांडे रसोई के काम में लगी थी। तभी उन्हे लगा कि कोई उस से सटकर खड़ा हो गया है। उसकी सांसें गर्दन को छू रही थीं। उन्होने पीछे मुड़कर देखा तो बेटी अनुष्का सजल आँखों से उसकी ओर देख रही थी। “अरे, क्या हुआ अनु। … Continue reading  जीवन है अगर ज़हर – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi