जीवन है अगर ज़हर – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi
Post View 2,534 किसी गहरी सोच में डूबी सी प्रतिभा देशपांडे रसोई के काम में लगी थी। तभी उन्हे लगा कि कोई उस से सटकर खड़ा हो गया है। उसकी सांसें गर्दन को छू रही थीं। उन्होने पीछे मुड़कर देखा तो बेटी अनुष्का सजल आँखों से उसकी ओर देख रही थी। “अरे, क्या हुआ अनु। … Continue reading जीवन है अगर ज़हर – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi
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