Post View 295 बचपन से ही तमन्ना थी ,,पंछी बनूँ,उड़ती फिरूं,मस्त गगन में,,,नीला खुला आसमान मुझे पुकारता प्रतीत होता,,,आखिर ईश्वर ने मेरी सुन ली,,,, एअरहोस्टेस होने के कारण मुझे अलग-अलग देशों में भ्रमण का मौका मिलता रहता है,,,हर जगह की अपनी कोई न कोई विशेषता तो होती ही है,, हर दिन नया देश ,नये-नये लोग,,खुले … Continue reading जन्नत – कमलेश राणा
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