“जाने कहाँ गए वो दिन” – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

Post Views: 4 देविका जी उम्र के आठवें शतक में अपने आलीशान मकान के बरामदे में अकेली बैठी बाहर होती घनघोर बारिश देख रही थी!बिजली चमकने और बादलों की घड़घड़ाहट से उनका बूढ़ा शरीर डर के मारे रह रह कर कांप जाता! आंघी की वजह से लाईट भी चली गई थी! बैठे बैठे उनका मन … Continue reading “जाने कहाँ गए वो दिन” – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi