जाकी रही भावना जैसी – पूनम अरोड़ा
Post View 1,390 ईशा रोज स्कूल से आके जब बस से उतरती तो गेट पर अपनी जितनी उम्र की लड़की को बैठे देखती । समझ नही आता कि वो इस समय रोज यहाँ अकेली क्यों बैठती है और क्यों ? शक्ल से वो भिखारी भी नहीं लगती थी न ही उसके हाव भाव ऐसे थे … Continue reading जाकी रही भावना जैसी – पूनम अरोड़ा
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