जैसी करनी वैसी भरनी – उमा वर्मा
Post Views: 7 सुबह से किसी काम में मन ही नहीं लग रहा था ।न जाने क्यो बार बार रोने का मन कर रहा था ।दोपहर का भोजन समाप्त कर के लेटी ही थी कि अजय का मोबाइल बज उठा ।अंतिम शनिवार के कारण अजय आज घर में ही थे।” कब,कैसे?” अजय ने कहा तो … Continue reading जैसी करनी वैसी भरनी – उमा वर्मा
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