“जैसे संस्कार-वैसा व्यवहार” – कुमुद मोहन

Post View 489 ब्याह के दस साल बाद भी राजन और  उमा संतान सुख से वंचित रहे! संतान प्राप्ति के लिए उन्होंने हर मंदिर में दिये जलाऐ,हर चौखट पर माथा टेका,हर मजार ,दरगाह पर चादर चढ़ाई,हर गुरूद्वारे पर अरदास लगाई! जाने कितने व्रत अनुष्ठान कराऐ! आखिरकार भगवान ने उन की सुन ली! उनके घर विनय … Continue reading “जैसे संस्कार-वैसा व्यवहार” – कुमुद मोहन