जा सकती हो मेरे घर से – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi
Post Views: 31 रवि और सुनयना में आज कहासुनी हो गई थी और छोटी सी बात बतंगड़ बन गई थी। कहते हैं कि जब इंसान गुस्से में होता है तो दिमाग और जुबान दोनों पर काबू नहीं रख पाता है और उसने सुनयना को कहा कि,” जा सकती हो अपने घर” । “अपने घर…ओह! तो … Continue reading जा सकती हो मेरे घर से – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi
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