इतना घमण्ड!!! – ज्योति अप्रतिम
Post View 385 आज जब उस शहर से गुजरना हुआ तो सहसा नज़र उस मकान पर चली ही गई जहाँ पर अब केवल बर्बादी के निशां बाकी रह गए थे। वह कार जिसमें बैठे बिना ही रीमा और रमेश की बेइज्जती की गई थी आज जंग खा कर खटारा बन कर खण्डहर हुए गैराज में … Continue reading इतना घमण्ड!!! – ज्योति अप्रतिम
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